Saturday 28 January 2017

YE HAI AASHIQUI

ये है आशिक़ी 

बेशर्मियाँ बरबादियाँ
हैं इश्क़ की शितानियाँ
ये फितूर जो, सर पे सवार हो
जीना भी फिर, दुश्वार हो 
किसकी मज़ाल कोई रोक दे
किसकी मज़ाल कोई टोक दे
इश्क़े जूनून रुके नहीं 
है बावरी, ये आशिक़ी
गुस्ताख़ सी ये आशिक़ी
बेबाक सी ये आशिक़ी 
बड़ी है अज़ब ये तलप
है ये आशिक़ी
जिद्दी बड़ी बड़ी सरफिरी
है ये आशिक़ी 
                                   🔴🔴🔴🔴🔴🔴🔴🔴🔴🔴🔴🔴🔴🔴🔴🔴🔴🔴🔴🔴🔴 

Friday 27 January 2017

DIL SE

छत पर उसे ये कहा उस रात 

"कितनी बार कहा है यूँ कलाई न पकड़ा करो मेरी,
 बात ज़माने की नहीं अरमान मचल जाते है..... "
    

                       तुझे सीने से लगाकर तुझे आरज़ू बना लूँ 
                       तेरी साँसों से मिलकर तुझे खुशबू बनाऊ 
                       फासले न रहे हम दोनों के दरमियाँ 
                        मैं,मैं न रहूँ बस "हम " बनजायें।